Frozen shoulder yoga in Hindi

Frozen shoulder yoga in Hindi

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फ्रोजन शोल्डर आसन शरीर से हर दर्द को दूर करता है.

आज के दिन में फ्रोजन शोल्डर एक आम समस्या बन गई है, हर आयु वर्ग के लोंग इस समस्या का सामना कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि लैपटॅाप,मोबाइल फोन का अत्याधिक उपयोग,लम्बे समय तक कंप्यूटर का उपयोग करना और व्यायाम न करने के कारण हमारी मांसपेशियां कमजोर हो कर यह समस्या सामने आ रही है।

फ्रोजन शल्डर साधारण व्यक्ति की तुलना में मधुमेह रोगियों और शारीरिक व्यायाम न करने वाले व्यक्तियों में अधिक आम है। लेकिन फ्रोजन शल्डर के कारण कंधे में दर्द रहता है,कंधे और हाथ को ऊपर-नीचे या आगे -पीछे नहीं किया जा सकता।रात में कंधे में दर्द बढ़ जाता है। नतीजतन दैनीक कार्य करने में परेशानी होती है। अक्सर दर्द कंधे से पूरे हाथ में फैल जाता है। सर्दियों में इसका असर ज्यादा होता है ।इसलिए इसे नियंत्रित करने के लिए रोजाना कुछ आसनों का अभ्यास करके इस समस्या को दूर किया जा सकता। आइये जानते हैं उन आसनों के बारे में।

Article by U Behera

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  1. स्कन्धचक्र आसन
  2. आकर्ण धनुरासन
  3. मतस्या आमन
  4. भुजगासन

स्कन्धाचक्र आसन

पहला कदम- अपने पैरों को सीधा करके बैठें। अपने रीढ़ और सिर को सीधा रखें। अब दायाँ हाथ अपने दाएँ कंधे पर रखों आपके बायाँ हाथ आपके बाएँ घुटने पर होना चाहिए। साँस लें और अपनी दाहिनी कोहनी को एक बड़े घेरे में घुमाएँ। याद रखें, अपनी अपनी कोहनी को घुमाते ,ऊपर जाते समय साँस लें और नीचे आते समय साँस छडें। अपनी दाहिनी कोहनी पर यह व्यायाम 10 बारें और अपनी बाइंं कोहनी पर भी यही व्यायाम दोहराएँ।

दुसरी सपान- अपनी रीढ़ और सिर को सीधा करके बैठें। अपने बाएं हाथ की उंगलियों को अपने बाएं कंधे पर और अपने दाहिने हाथ की उंगलियों को अपने दाहिने कंधे पर रखें, अपनी कोहनी को समानांतर रखों। अब अपनी दोनों कोहनायों को ऊपर उठएं और उन्हें एक साथ मोड़ें,जैसे कि वे एक बड़ा वृत्त बन रहे हों ।जब आप उन्हें ऊपर उठताे हैं, तो उन्हें आपकी छाती को छूना चाहिए और आपकी कोहनी एक-दूसरे को छूनी चाहिए। ऐसा इस प्रकार किया जाता है,धीरे-धीरे -धीरे धड़ी की तरह घूमाएंगे और फिर विपरीत दिशा को मोड़ने का अभ्यास करें ।कोहनी ऊपर उठते ही सांस लें और कोहनी नीचे ही सांस छड़

  • सावधान

यदी आपके कंधे में बहुत तेज दर्द हो तो आपको यह व्यायाम नहीं करना चाहिए।

आकर्ण धनुरासन

अपनी भुजाओं को कंधे की चौड़ाई पर रखकर सीधे खड़े हो जाएँ। अपने हाथों को अपने कंधों पर होना चाहिए । अब अपने दाहिने पैर को थोड़ा आगे की और करके खड़े हो जाएँ। अपने दाहिने हाथ को कस लें और इसे अपने शरीर के सामने इस तरह उठाएँ जैसे कि यह आपके दाहिने पैर और आपके दाहिने कहोनी से थोड़ा ऊपर हो । अब अपने बाएँ हाथ को कस लें और इसे ऊपर उठाएँ और इसे अपनी दाहनी मुट्ठी के पीछे थोड़ा सा रखें ।अब अपनी दाहिनी मुट्ठी को देखें और कल्पना करें कि आप एक धनुष और बाण पकड़ रखा है। अब साँस लें और धीरे-धीर अपनी बाई मुट्ठी को अपने कान की ओर लाएँ जैसे कि आप धनुष की डोरी खींच रहे हों। इस स्थिति में, आपका सिर थोड़ा पीछे की और जा सकता है। अब साँस छोड़ें और अपने बाएँ हाथ को अपने दाहिने हाथ से वापस शुरूआती स्थिति में लाएँ । इसे 5 से 10 चक्रें तक अभ्यास करोंं और विपरीत दिशा में अपने बाएँ पैरको आगे बढ़ाएँ और अपने बाएँ हाथ को पकड़ कर अभ्यास करों ।

  • सावधान

इस आसन को शुरू करने से पहले ड़ाँक्तर से परामर्श लेना आवश्यक है।

मतस्यासन

मत्स्यासन ( Fish Pose ) एक बैठने वाला योग है जो फ्रोजम शल्डोर के लिए उपयोगी है। इसको करना आसानी है, पहले एक योग चट में बैठकर अपने पैरों को फैला लें और अपने हाथों को अपने शरीर के बगल में रखों अपनी पीठ ज़मीन पर रखकर लेट जाएँ और ऊपर की और देखें।अपने हाथों को चटाई पर रखें और उन्हें नीचे दबाएँ अपनी कोहनी को नीचे दबाएं, अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपनी पीठ को ज़मीन पर दबाएँ । अपने शिर को पीछे की ओर झुकाएं ताकि आपके शिर का ऊपरी हिस्सा ज़मीन को हल्के से छू रहा हो। रीढ़ का हड्डी एक कोमल वक्र बनाएगी । अपने पैर को सक्रिय रखें और गहरी सांस लें । इस स्थिति को 15 से 20 सेकंड तक जारी रखें । फिर धीरे-धीरे छोड़ें।

  • सावधान

अगर आपको गर्दन की समस्या है तो ऐसा न करें।

भुजगासन

यह आसन भी आपको फ्रेजन शेल्ड़र से काफी राहत देगा। एक चटाई पर पेट के बल लेट जाएं। अपने पैरों को सीधे रखें और पंजे एक साथ रखें,तथा पंजे पीछे की रखें,अपनी हथेलीयों को छाती के पास ज़मिन पर सपर्ट रखें, कोहनीयाँ शरीर के पास रखें।अपना माथा ज़मीन पर टिकाएं। छाती को उपर उठानाः और गहरी सांस लें,अपने हथोलियों को नीचे दबाते हुए अपने शिर छाती और ऊपर पेट को धीरे-धीरे से फर्श से ऊपर उठाएं। कोहनीयों को थोड़ा मोड़कर अपनी बगलों के पास रखें।

केवल अपने हाथों का ही नहीं, अपनी पीठ की मांसपेशियों का भी उपयोग करें। अंतिम स्थिति में ऊपर की और देखें, कंधे शिथिल और छाती खुली रखें। निचली पसलियों को ज़मिन पर रखें,सामान्य श्वास लेते हुए 15 से 30 सेकंड़ तक इसी मुद्रा में बने रहें। धीरे-धीरे सांस छोड़े और अपने शरीर को धारे-धीरे से वापस फर्श पर ले आएं। अपना शिर एक और करके आराम करें। ये आसन 2-3 बार दोहराएँ

  • सावधान

यदी आपको पीठ में चोट, हार्निया हो या आप गर्भवती हों तो इसका आसन न करों।

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