योग का आवश्यकता अब पूरी दुनिआ में ज्ञात हो गया है।भीरतीय आध्यात्मिक पथ अद्वितीय है। जिसका अनुशरण पूरी दुनिआ करती है,योग आध्यात्मिक मार्ग से मन को शान्त और अस्तिर मन को नियंत्रित करने और शान्ति पाने का मार्ग है।यदी मन शांत है तो शरीर स्वस्थ रहता है,इसलिए योग प्राणायाम् का माँग बढ़ गया है। आइये योग के बारे में जानें।

योग अनिवार्य रूप से एक आध्यात्मिक अनुशासन है,जो अत्यंत सूक्ष्म विज्ञान पर आधारित है जो मन और शरीर के बीच सांमजस्य स्थापित करने पर केंन्द्रित है। यह ,स्वस्थ जीवन जीने की एक कला और विज्ञान है। योग शब्द उत्पत्ति संस्कृत शब्द युज् से आई है। जिसका अर्थ है योडना ‘’ जोडना या “’ एकजुट होना पतंजलि योग शास्र्तों के अनुसार हर दिन योग का अभ्यास योग का अभ्यस व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना के साथ जोड़ता है। वैज्ञानिकों ने भी सबुत कर दिया है कि योग के बहुत उपकार हैं।
योग एक आंतरिक विज्ञान को भी संदर्भित करता है जिसमें विभिन्न विधियाँ शामिल है जिनके माध्यम से मनुष्य शरीर और मन के बीच एकता प्राप्त कर सकता है और आत्म- साक्षत्कार प्राप्त कर सकता है। योग अभ्यास का उद्धेश्य सभी प्रकार के कष्टोँ पर विजय प्राप्त करना है, जीवन के हर क्षेत्र में समग्र स्वास्थ्य खुशी और सद्भाव के साथ स्वतंत्रता की भावना पैदा होती है।
YOGA KE LABH IN HINDI
21 जुन 2014 से पूरे विश्व में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग के लाभों के बारे में सभी को पता होने के कारण , पूरे विश्व में योग की मांग तेज़ी से बढ़ गई है। डाँक्तर और विशेषज्ञ और सेलिव्रेटीस योग के लाभों को समझ रहे हैं और वे भी योग को अधिक महत्व दे रहे हैं तथा इसका प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इसके विभिन्न लाभों के कारण के नियमित अभ्यास को अपना रहे हैं और इसकी अनुशांसा कर रहे हैं। जब कि कुछ लोग योग को सिर्फ़ एक और प्रचलित फैसन मानते हैं और इने नए युग के रहस्यवाद से जोड़ते हैं, वही अन्य लोंग इस बात की दावा करते है कि व्यायाम का यह रूप कितना आश्चर्यजनक लगता हैं। वे यही नहीं समझते कि जिसे वे सिर्फ एक और व्यायाम के रूप में देखते है, वह उन्हें उन तरीकों से लाभ पहुँचाएगा जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
योग वास्तव में एक शारीरिक व्यायाम है जो आपको स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन प्राप्त करने में मदद करता है। मनुष्य एक शारीरिक, मानशिक. और आध्यात्मिक प्रणी है , योग तीनों के बीच संतुलन विकसित करने में मदद करता है। प्राचिन आयुर्वेद में काहा गया है ,व्यायाम का दुसरा नाम योग है, जो शरीर, शुक्ष्म मन और आत्मा को एकजुट करता है, जिससे जींदेगी शांतिपूर्ण तरीके से जीवन जी सकता है।
योगा केवल शरीर को मोड़ना के बारे में नहीं है, यह एक कौशल-आधारीत व्यायाम भी है जो शारीरिक स्फूर्ति लाता है,ताकत बढ़ाता है और मन में ऊर्जा पौदा करता है। यह केवल योग में ही संभव है।

योगाचार्य पतंजलि ने कहा “‘ स्थिरं सुखं आसनम् ”’ इसका ताप्तर्य है कि एक आसन जो दृढ़ और सहज प्रतिक होता है,वह आपका आसन है। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि आसन योग के कार्य में केवल एक प्रारभिक चरण है। यह एक ऐसा तरीका है जो आपको अधिक से अधिक अछा हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करता है। योग आपके मन, शरीर,और आत्मा के बीच सामंजस्य को आदर्श बनाने पर केंद्रित है। जब आप खुद को इस तरह से समायोजित करते हैं कि आपके भीतर सब कुछ शानदार ढंग से काम करता है, तो आप अपनी क्षमताओं का सर्वश्रेष्ठ उपयोग कर पाएंगो।