Collect by Dev Behera

अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास गुरूवार को एक भयानक और दिल दहला देने वाला विमान हादसा हुआ,242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को लेकर लंदन जा रह एयर इंड़िया का बोइंग 878 विमान । उड़ान भरने के मात्र 30 सेकंड बाद ही दुर्घटना के कारण 600 फीट की ऊंचाई से एक मेडिकल कॅालेज के छात्रावास पर गिरा था। हादसे में विमान में आग लग गई। इस दुर्धटना में 241 यात्री और छात्रावास में मौजूद कई मेडिकल छात्र मारे गए।इस घटना ने पूरे देश,विदेस को झकझोर कर रख दिया और हर तरफ से शोक संवेदनाएँ व्यक्त की गए।
विमान हादसा के कुछ संभावित कारण
गुरूवार को हुए एयर इंड़िया का बोइंग विमान दुर्घटना के कारणों की ज़ाच शुरू हो गी है। बोंइग ड्रीमलाइन को बेहद सुरक्षित निमान माना जाता है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने कुछ संभावित कारण बताए हैं कि अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद दो इंजन वाला यह विमान दुर्घटनाग्रस्त क्योुं हो गया विशेषकज्ञों ने अनुमान लगाया है और कहा है ड्रिमलिन विमान उड़ान भगने के तुरंत बाद चढ़ने के बजाय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह संभव है कि विमान चढ़ने समय आसमान में उड़ रहे कुछ पक्षी उसके इंजन में प्रवेश कर गए हों । नतीजतन दो इंजन फेल हो गए,जिसके कारन विमान चढ़ नहीं सका और दुर्घटनाग्रस्त हो गया,ऐसा एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने कहा । दुसरी और दुर्घटना पाइलट द्वारा विमान के उतरने के समय तकनीक त्रुटि के कारण हो सकती है। सुरक्षा विशेषज्ञ के अनुसार,दुर्घटना के समय विमेन का गियर नीचे था।जो असामान्य था । यह दुर्घटना के पीछे एक कारण हो सकता है। दूसरी ओर अहमदाबाद में दिन के समय तापमान 39 डिग्री था। ऐसे तापमान में विमान को जमीन से उतारना एक बड़ी चुनौती है। ऐसी स्थिती में कोई भी तकनीकी त्रुटि हो जाती है, ऐसा विशेषज्ञ ने कहा।
लंच के दैरान विमान डॅाक्तर पर टकराया
गुरूवार को हुए एयर इंड़िया का बोइंग विमान जिस जगह हुर्घटनाग्रस्त हुई , वह बीजे मेड़िकल काॅलेज का हाॅेस्टल था, जबां पिजि और यूजी मेडिकल के छात्र रहते थै।गुरूवार दोपहर करीब 2 बजे छात्रों पर विमान दुर्घचनाग्रस्त हुआ, जब वे हाँस्टेल के डाइलिंग हाॅल में एक साथ बैठे थे। बताया जा रहा है कि इसमें कई डाॅक्तर मारे गए हैं। 4-5 मेडिकल छात्र लापता बताए जा रहे हैं । 50 से 60 एमबीबीएस छात्र घायल हुए है,लेकिन उनकी स्वास्त स्थिर है, एफएआई ने कहा गया है कि 4-5 एमबीबीएस छात्र और 3-4 रेसिड़ेट ड़ाॅक्तर लापत हैं। हाॅस्टल के आसपास की इमारत में आग लगने से कई लोग घायल हो गए ।

पायसट का मेडे काॅल
एयर इंड़िया बोइंग 787 के दुर्घटनाग्रस्त होने से हपले, इसके पायलट सुमित सरवरल ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल ( ATC) को ” मेड ” काॅल जारी किया था । नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (BGCA) के अनुसार,विमान का एटीसी से संपर्क टुटने से पहले पायलट ने ” मेड ” काॅल किया था । जब कोई विमान या जहाज जानलेवा आपात स्तिति में होता है, तो उसका पायलट या चालक दल ” मेड ” काॅल करता है। यह एक अंतरराष्ट्रिय आपतकालीन संकेत है,जिसका उपयोग विमानों और जहाजों के लिए किया जाता है। मेड शब्द फ्रेंच वाक्यांश ” एम एड़र “से लिया गया है जिसका अर्थ है मेरी मदद करों । इसका हपली बार इस्तेमाल 1920 में किया गया था। अब इसका इस्तेमाल दुनिया भर में किया जाता है। इस काॅल दौरान पायलट तीन बार मेड,मेड, मेड करता है विमान के बीच शोर जामिंग,रेडियो ट्रान्समिशन के दौरान एटीसी इस काॅल का मतलब आसानी से समझ लेता है। फ्लाइट मैनेजर,पायलट और जहाज के नाविक यह काॅल करते हैं। यह काॅल तब की जाती है जब विमान में आग लग जाती है, इंजन फेल हो जाता है, नियन्रण खो जाता है या सुरक्षा या संरक्षा को खतरा होता है। इसके बाद एटीसी जरूरी कदम उठाता है। विमान से तत्काल संपर्क के लिए उक्त विमान की रेडियो फ्रीक्वेंसी को साफ किया जाता है। सहायता के लिए सभी बचाव एजेंसियों से समन्वय बनाए रखा जाता है।
अहमदाबाद विमान हादसा में एक यात्री जीवित बचा

सवसे वडी सौभग्य की बात होती है की इतनी वडी विमान हादसा में एक आदमी जीवित है। हादसा में विमान पूरी तरह जल गया, लेकिन एक यात्री बच गया। कइ लोग इसे भगवान का आशिर्वाद बता रहे हैं। एकमात्र यात्री जो बच गया,वह व्रिटेन का विस्वास कुमार रमेश 40 था । रमेश कुछ दिन पहले अपने परिवार से मिलने भारत आया था। रमेश के साथ उसका भाई अजय भी विमान में यात्रा कर रहा था। हादसे में रमेश घायल हो गया,उसके सीने ,आंख और पैर में चोटं लग गई है।लेकिन वह खतरे से बाहर है। रमेश पास उसका बोडिँग पास सही सलामत है। रमेश ने बताया कि जब वह बेहोशी की हालत से उठा तो उसने देखा कि उसके आसपास लाशों पड़ी हैं। मैं उठकर भागा । तभी किसी ने मुझे आवाज दी उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। अहमदाबाद के असरधी सिविल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। वे विमान की खिड़की के पास सीट नंबर 11ए पर बैठा था। उनके भाई अजय विमान की दूसरी पंक्ति में बैठे थे। उन्होंने अपने भाई को खजोने के लिए मदद मांगी है। रमेश ने बताया कि वे पिछले 20सालों से लंदन में रहते हैं। उनकी पत्नी और बच्चे भी लंदन में ही रहते हैं।
इसी तरह भूमि चौहान माम की एक महीला ट्रैपिक जाम के कारण देरी से एयरपोर्ट पहुंची । तब तक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुका थी। वह यात्रा न कर पाने के कारण बाल-बाल बच गई।
अहमदावाद विमान हादसा में प्रमुख व्यक्तीयों ने शेक व्यक्त किया
अहमदावाद विमान हादसा हर व्यक्तीयों कों दुखी कर दिया है, भरत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, और प्रधीनमंन्री नरेंन्द्र मोदी ,विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कई अन्य व्यक्ति प्रमुख व्यक्तियों ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।और इस घटना में ब्रिटिश राजा और प्रधानमंन्री ने भी संवेदना व्यक्त की।